आदरणीय मांधाता राय सर, प्रणाम। प्रत्यक्ष कभी बात नहीं पर साहित्य और विवेकी राय जी के माध्यम से हमारा अप्रत्यक्ष मिलना कई बार हुआ और आज ई-मेल के माध्यम से प्रत्यक्ष मिलने का एहसास कर रहा हूं। नेट पर जैसे ही आपका ब्लॉग देखा पहले सदस्य बना और ई-मेल उठाकर संदेश लिखने बैठा। क्षमा करें, पहले आपको होली मुबारक। आपके परिवार में होली के रंगों की हजारों खुशियां भरें। प्रत्यक्ष ना सही आपको मेल से रंग भेज रहा हूं। इधर कुछ नए लेख प्रकाशित हुए हैं, आप drvtshinde.blogspot.com पर देख सकते हैं। आगे ब्लॉग और मेल के माध्यम से हमारी साहित्यिक बातचीत जारी रहेगी। स्नेह बनाएं रखे। धन्यवाद। आपका स्नेही, डॉ. विजय शिंदे
आदरणीय मांधाता राय सर,
ReplyDeleteप्रणाम।
प्रत्यक्ष कभी बात नहीं पर साहित्य और विवेकी राय जी के माध्यम से हमारा अप्रत्यक्ष मिलना कई बार हुआ और आज ई-मेल के माध्यम से प्रत्यक्ष मिलने का एहसास कर रहा हूं। नेट पर जैसे ही आपका ब्लॉग देखा पहले सदस्य बना और ई-मेल उठाकर संदेश लिखने बैठा।
क्षमा करें, पहले आपको होली मुबारक। आपके परिवार में होली के रंगों की हजारों खुशियां भरें। प्रत्यक्ष ना सही आपको मेल से रंग भेज रहा हूं।
इधर कुछ नए लेख प्रकाशित हुए हैं, आप drvtshinde.blogspot.com पर देख सकते हैं।
आगे ब्लॉग और मेल के माध्यम से हमारी साहित्यिक बातचीत जारी रहेगी। स्नेह बनाएं रखे। धन्यवाद। आपका स्नेही, डॉ. विजय शिंदे
आदरणीय मांधाता राय सर सादर प्रणाम
ReplyDeleteमुझे निवेदिता रजत जयन्ती अंक कुबेरनाथ राय विशेषांक चाहिए कृपया मेरा मार्गदर्शन करे
मेरा शोध विषय ललित निबन्ध लेखन परम्परा एवं कुबेरनाथ राय है
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